इधर उधर की - 1 Kishanlal Sharma द्वारा कुछ भी में हिंदी पीडीएफ

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इधर उधर की - 1

इधर उधर की में मैं अपने वो अनुभव या घटनाएं शेयर करूंगा जिनका मैं चश्मदीद रहा या जिनको मैने सुनाप पहले मैं आपको सन2008 की घटना सुनाता हूँ।

उस समय मे आगरा फोर्ट पर DCI के पद पर था।आगरा बांदीकुई सेक्शन का जी एम इंस्पेक्शन होने वाला था।रेलवे में जी एम इंस्पेक्शन की एक प्रक्रिया है।और समय भी निर्धारित है।जिस सेक्शन का इंस्पेक्शन होना होता है।उसकी पूरी डिटेल मंडल भेजता है।उसमें बताया जाता है किन किन स्टेशनों का, ब्रिज का,कर्व का,यार्ड का, गेट का,

रेलवे में ऑपरेटिंग,   कोमर्सियाल, इंजियरिंग, मेडिकल, पर्सनल,बिजली, एस एन टी,मैकेनिकल व सुरक्षा व सेफ्टी विभाग है।जी एम इंस्पेक्शन के समय सभी विभागों का इन्सपेक्शन होता है।इन्सपेक्शन वाले दिन पूरी जी एम स्पेशल ट्रेन आती है।जिसमे हर विभाग के चीफ ऑफ the स्टाफ के सेलून होते हैं।चीफ के साथ इंस्पेक्टर भी होते हैं।इंस्पेक्शन का मिनट टू मिनट प्रोग्राम होता है।हेड क्वाटर से प्रोग्राम मंजूर होने और तारीख निश्चित हो जाने के बाद मंडल के सभी विभाग तैयारी मे जुट जाते हैं।

सुबह मेरे पास DCM का फोन आया था,"खेड़लीचलना है "

खेड़ली ,बांदीकुई सेक्शन में स्टेशन ह4।इस स्टेशन का इन्सपेक्शन होना था उस समय आगरा मंडल मे DCM रघुवीर सिंह थे।वह मेरे साथ गुड्स क्लर्क रहे थे।इसलिए दोस्ती भी थी उनसे।

और मैं फोन आने पर आगरा फोर्ट स्टेशन  पहुंचे गया था।DCM महोदय आ चुके थे।विवेक और सुभाष गुप्ता व कुछ आगरा कैंट का चेकिंग स्टाफ भी आगरा फोर्ट पर मौजूद था।

मरुधर एक्सप्रेस से हमे खेड़ली जाना था।यह ट्रेन बनारस और जोधपुर के बीच चलती है।पहले NE रेलवे का सेक्शन यानी  मथुरा केंट,कासगंज बरेली आदि मीटर गेज थे।इधर बांदीकुई से अहमदाबाद, जोधपुर आदि सेक्शन भी मीटर गेज ही था।सन 1970 में मेरी पहली ओ पोस्टिंग आगरा फोर्ट पर हुई थी।उस समय लखनऊ और आगरा फोर्ट के बीच मे मीटर गेज की लखनऊ एक्सप्रेस ट्रेन चलती थी।यह ट्रेन कासगंज, अछनेरा होकर आगरा फोर्ट तक आती थी।बाद में यह ट्रेन आगरा फोर्ट पर आना बंद हो गई।यह ट्रेन अछनेरा से डाइवर्ट होकर बांदीकुई, जयपुर फुलेरा के रास्ते जोधपुर तक जाने लगीं थी।बाद में दिल्ली अहमदाबाद और फुलेरा, जोधपुर ब्रॉड गेज में परिवर्तित हो गया तब मरुधर एक्सप्रेस जोधपुर से बनारस के बीच वाया अलवर चलने  लगी।जब आगरा बांदीकुई सेक्शन भी बड़ी लाइन हो गया तब ये ट्रेन वाया बांदीकुई, अछनेरा चलने  लगी।यह ट्रेन बनारस की तरफ से कभी भी सही समय  पर नही आती है।जब यह वाया अलवर होकर चलती थी तब तो 8 या दस घण्टे लेट आती थी।

पहले मैं जब  नए जॉन व मंडल नही बने थे।तब आगरा फोर्ट कोटा मंडल में था और आगरा कैंट झांसी मंडल में था।जब ये ट्रेन वाया अलवर जाती थी तब यह ट्रेन  ईद गाह स्टेशन से मथुरा होकर अलवर के रास्ते जाती थी।ईद गाह स्टेशन पर काफी देर  खड़ी रहती फिर केंट पर बहुत देर खड़ी रहती।एक बार DRM जयपुर राजोरिया आगरा फोर्ट पर आए।उस समय मैं आगरा फोर्ट पर DySS-com के पद पर कार्य कर रहा था।उन्होंने मुझ से पूछा था,",मरुधर आगरा फोर्ट पर लेट आती है फिर यहा से दो घण्टेऔर ज्यादा क्यो लेट हो जाती है?

तब मैंने उन्हें समझाया था कि केंट पर इसे पटक देते हैं

और  मरुधर आ गयी थी।हम उसमे बैठ गए थे।